बढ़ती उम्र में कमजोर होती हड्डियों को इन उपायों से मिलेगी मजबूती

बढ़ती उम्र में कमजोर होती हड्डियों को इन उपायों से मिलेगी मजबूती

सेहतराग टीम

हमारा शरीर कुछ नहीं एक हड्डियों का ढांचा है यानी शरीर में एक कंकाल तंत्र है जो बहुत ही अहम है। ये पूरा कंकाल तंत्र हड्डियों से बना है। मतलब हड्डियां हमारे शरीर का एक ढांचा और संरचना बनाती हैं इसके साथ ही ये शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को सुरक्षित रखती हैं। हड्डियां कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे खनिजों के भंडारण व मांसपेशियों को गति प्रदान करने के लिए भी सहायक है। जन्म से लेकर मृत्यु तक हड्डियों में कई तरह के बदलाव आते हैं। 30 साल की उम्र के बाद अस्थि द्रव्यमान घनत्व अपने चरम पर पहुंच जाता है, जिसके बाद एकत्रित होने की तुलना में इस द्रव्यमान की मात्रा हड्डियों में धीरे-धीरे कम होने लगती है, जिसके बाद ऑस्टियोपोरोसिस समस्या उत्पन्न होने लगती है। जो उम्र के साथ बढ़ता जाता है।

इसमें अस्थियां कमजोर व भंगुर हो जाती हैं। ऐसे में यदि किसी कारणवश हड्डी टूट जाए तो इन्हें वापस जोड़ना काफी मुश्किल हो जाता है। आंकड़ों के हिसाब से 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों में हड्डियों के आसानी से टूट जाने की प्रवृत्ति होती है। दो में से एक महिला और चार में से एक पुरुष में हड्डी महज इस वजह से टूट जाती है, क्योंकि वे ऑस्टियोपोरोसिस के शिकार हैं। ऐसे में इनकी सही देखभाल बहुत जरूरी है।

ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से लोग इस रोग की चपेट में आ जाते हैं। जैसे- दैनिक आहार में कैल्शियम या विटामिन डी की कमी, फिजिकल एक्टिविटी का कम होना, नशा करना, हार्मोन का इरेगुलर लेवल ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या को जल्दी उत्पन्न कर देते हैं।

लेकिन अगर जीवनशैली में कुछ बदलाव किए जाएं तो हड्डियों को कमजोर होने से बचा सकते हैं जैसे-

  • अपने रोजाना के आहार में विटामिन डी और कैल्शियम से भरपूर आहारों को शामिल करें, जैसे- जैसे कि कम वसायुक्त दुग्ध उत्पाद यानी टोफू या सोया मिल्क, हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, सैमन (एक प्रकार की मछली), बादाम इत्यादि। शरीर को हफ्ते में दो से तीन बार दस से पंद्रह मिनट के लिए धूप जरूर दिखाए, क्योंकि सूरज की रोशनी विटामिन डी का एक अच्छा स्त्रोत है।
  • शराब और तंबाकू का सेवन बिल्कुल न करें।
  • रोजाना कसरत जरूर करें।
  • सूखे मेवे जैसे बादाम, किसमिश, छुआरे, बेरी, खुबानी और अंजीर आदि का सेवन करें क्योंकि सूखे मेवों में पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। इसके अलावा इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

 

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